Wednesday, January 30, 2013

मंत्र कविता / नागार्जुन [रचनाकार:- 1969]

This is the poem published in 1969 by National Poet Baba Nagarjuna. I have used these lines as metaphors and images in form of music in my film Strings-bound by faith. Presently suffering SUPER CENSORSHIP by Sadhus of Allahabad and fighting over an P.I.L at High Court, Allahabad.Film is Censored by Central Board Of Film Certification,Goverenment Of India.Music is composed by Zubeen Garg.

मंत्र कविता / नागार्जुन

ॐ श‌ब्द ही ब्रह्म है.. 

ॐ श‌ब्द्, और श‌ब्द, और श‌ब्द, और श‌ब्द 

ॐ प्रण‌व‌, ॐ न‌ाद, ॐ मुद्रायें 

ॐ व‌क्तव्य‌, ॐ उद‌ग‌ार्, ॐ घोष‌णाएं 

ॐ भ‌ाष‌ण‌... 

ॐ प्रव‌च‌न‌... 

ॐ हुंक‌ार, ॐ फ‌टक‌ार्, ॐ शीत्क‌ार 

ॐ फुस‌फुस‌, ॐ फुत्क‌ार, ॐ चीत्क‌ार 

ॐ आस्फ‌ाल‌न‌, ॐ इंगित, ॐ इश‌ारे 

ॐ न‌ारे, और न‌ारे, और न‌ारे, और न‌ारे 


ॐ स‌ब कुछ, स‌ब कुछ, स‌ब कुछ 

ॐ कुछ न‌हीं, कुछ न‌हीं, कुछ न‌हीं 

ॐ प‌त्थ‌र प‌र की दूब, ख‌रगोश के सींग 

ॐ न‌म‌क-तेल-ह‌ल्दी-जीरा-हींग 

ॐ मूस की लेड़ी, क‌नेर के प‌ात 

ॐ ड‌ाय‌न की चीख‌, औघ‌ड़ की अट‌प‌ट ब‌ात 

ॐ कोय‌ल‌ा-इस्प‌ात-पेट्रोल‌ 

ॐ ह‌मी ह‌म ठोस‌, ब‌ाकी स‌ब फूटे ढोल‌ 


ॐ इद‌म‌ान्नं, इम‌ा आपः इद‌म‌ज्य‌ं, इद‌ं ह‌विः 

ॐ य‌ज‌म‌ान‌, ॐ पुरोहित, ॐ राज‌ा, ॐ क‌विः 

ॐ क्रांतिः क्रांतिः स‌र्व‌ग्व‌ं क्रांतिः 

ॐ श‌ांतिः श‌ांतिः श‌ांतिः स‌र्व‌ग्व‌ं श‌ांतिः 

ॐ भ्रांतिः भ्रांतिः भ्रांतिः स‌र्व‌ग्व‌ं भ्रांतिः 

ॐ ब‌च‌ाओ ब‌च‌ाओ ब‌च‌ाओ ब‌च‌ाओ 

ॐ ह‌ट‌ाओ ह‌ट‌ाओ ह‌ट‌ाओ ह‌ट‌ाओ 

ॐ घेराओ घेराओ घेराओ घेराओ 

ॐ निभ‌ाओ निभ‌ाओ निभ‌ाओ निभ‌ाओ 


ॐ द‌लों में एक द‌ल अप‌न‌ा द‌ल, ॐ 

ॐ अंगीक‌रण, शुद्धीक‌रण, राष्ट्रीक‌रण 

ॐ मुष्टीक‌रण, तुष्टिक‌रण‌, पुष्टीक‌रण 

ॐ ऎत‌राज़‌, आक्षेप, अनुश‌ास‌न 

ॐ ग‌द्दी प‌र आज‌न्म व‌ज्रास‌न 

ॐ ट्रिब्यून‌ल‌, ॐ आश्व‌ास‌न 

ॐ गुट‌निरपेक्ष, स‌त्त‌ास‌ापेक्ष जोड़‌-तोड़‌ 

ॐ छ‌ल‌-छ‌ंद‌, ॐ मिथ्य‌ा, ॐ होड़‌म‌होड़ 

ॐ ब‌क‌व‌ास‌, ॐ उद‌घ‌ाट‌न‌ 

ॐ म‌ारण मोह‌न उच्च‌ाट‌न‌ 


ॐ क‌ाली क‌ाली क‌ाली म‌ह‌ाक‌ाली म‌ह‌ाक‌ाली 

ॐ म‌ार म‌ार म‌ार व‌ार न ज‌ाय ख‌ाली 

ॐ अप‌नी खुश‌ह‌ाली 

ॐ दुश्म‌नों की प‌ाम‌ाली 

ॐ म‌ार, म‌ार, म‌ार, म‌ार, म‌ार, म‌ार, म‌ार 

ॐ अपोजीश‌न के मुंड ब‌ने तेरे ग‌ले क‌ा ह‌ार 

ॐ ऎं ह्रीं क्लीं हूं आङ 

ॐ ह‌म च‌ब‌ायेंगे तिल‌क और ग‌ाँधी की ट‌ाँग 

ॐ बूढे़ की आँख, छोक‌री क‌ा क‌ाज‌ल 

ॐ तुल‌सीद‌ल, बिल्व‌प‌त्र, च‌न्द‌न, रोली, अक्ष‌त, ग‌ंग‌ाज‌ल 

ॐ शेर के द‌ाँत, भ‌ालू के न‌ाखून‌, म‌र्क‌ट क‌ा फोत‌ा 

ॐ ह‌मेश‌ा ह‌मेश‌ा राज क‌रेग‌ा मेरा पोत‌ा 

ॐ छूः छूः फूः फूः फ‌ट फिट फुट 

ॐ श‌त्रुओं की छ‌ाती अर लोह‌ा कुट 

ॐ भैरों, भैरों, भैरों, ॐ ब‌ज‌रंग‌ब‌ली 

ॐ ब‌ंदूक क‌ा टोट‌ा, पिस्तौल की न‌ली 

ॐ डॉल‌र, ॐ रूब‌ल, ॐ प‌ाउंड 

ॐ स‌ाउंड, ॐ स‌ाउंड, ॐ स‌ाउंड 


ॐ ॐ ॐ 

ॐ ध‌रती, ध‌रती, ध‌रती, व्योम‌, व्योम‌, व्योम‌, व्योम‌ 

ॐ अष्ट‌ध‌ातुओं के ईंटो के भ‌ट्टे 

ॐ म‌ह‌ाम‌हिम, म‌हम‌हो उल्लू के प‌ट्ठे 

ॐ दुर्ग‌ा, दुर्ग‌ा, दुर्ग‌ा, त‌ारा, त‌ारा, त‌ारा 

ॐ इसी पेट के अन्द‌र स‌म‌ा ज‌ाय स‌र्व‌ह‌ारा 

ह‌रिः ॐ त‌त्स‌त, ह‌रिः ॐ त‌त्स‌त‌ 

[रचनाकार:नागार्जुन - 1969]

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